सफलता और सकारात्मक सोच न केवल हमारे जीवन को बदलने की क्षमता रखती है, बल्कि यह हमें हर चुनौती का सामना करने के लिए भी तैयार करती है। जब हम अपने जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हैं, तो असंभव लगने वाली चीज़ें भी हासिल करना आसान हो जाता है। सकारात्मक सोच न सिर्फ आत्मविश्वास बढ़ाती है, बल्कि यह मानसिक शक्ति भी प्रदान करती है, जो हमें असफलताओं से सीखने और जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। सफलता का मार्ग आसान नहीं होता, लेकिन सही मानसिकता और सकारात्मक सोच इसे सरल बना सकती है।
सफलता और सकारात्मक सोच
आधुनिक समय में हर व्यक्ति अपने व्यक्तित्व विकास के द्वारा अपनी एक अलग पहचान बनाना चाहता है, प्रकृती द्वारा हर व्यक्ति रंग, रूप, आकार और बोलचाल से एक दूसरे से भिन्न होता है, उसी प्रकार उनका व्यवहार और संस्कार भी भिन्न होता है | आज के समय में सभी अपने जीवन में सफल होना चाहते है, जीवन में सफलता कैसे प्राप्त करे ? इसके बारे में जानकारी बहुत काम लोगों के पास होता है | हम सब रोजाना बहुत से लोगों से मिलते रहते है, कुछ लोगों से प्रभावित भी होते है, जिन्हे देखकर हम महसूस करते है कि उनका जीवन बहुत खुशहाल है | ऐसे लोगों को देखकर खुशी मिलती है, क्योंकि इनके पर्सनैलिटी से हम प्रभावित होते है और उसी तरह की परसोनॉलिटी चाहते भी है |
किसी भी व्यक्ति के पर्सनालिटी विकस्स के लिए सबसे बड़ा कारक सकारात्मक सोच का होता है, सकारात्मक सोच एक ऐसा मंत्र है जिसके द्वारा न केवल व्यक्ति, समाज बल्कि पूरे विश्व की समस्या को सुलझाया जा सकता है | जो व्यक्ति सकारात्मक सोच सोच रखते है, हमेशा खुश रहते है, उनके संबंध सभी के सतह मधुर होते है | इसलिए हर व्यक्ति को आशावादी बनना चाहिए, जिससे विचारों को विकसित करके हर स्थिति को सुधारने की प्रेरणा मिलती है, जो हमारे कल को बेहतर बनाता है |
किसी भी व्यक्ति के मन मे दो प्रकार के विचार उत्पन्न होते है, पहला सकारात्मक और दूसरा नकारात्मक | इन्ही विचारों से व्यवहार नामक पेड़ का निर्माण होता है | जो मनुष्य जैसा सोचता है वैसा ही बन जाता है , यह हर मनुष्य पर निर्भर करता है कि वह अपने मस्तिष्क रूपी खेत में किस तरह के विचारों का बीज डाल रहा है |
सफलता से पहले की प्रतिस्पर्धा
मनुष्य जीवन का शुरुवाती समय एक छात्र जीवन होता है, जो खुशियों और प्रतिस्पर्धाओं से भरा होता है | एक तरफ माता – पिता और शिक्षक से शाबासी, कक्षा में प्रथम या अच्छे अंक आने पर बधाई, और सफलता प्राप्त करने के लिए शुभकामनाएं प्राप्त होता है | वही दूसरी ओर पढ़ाई में थोड़ी कमी हो जाए तो उसके लिए अच्छे से पढ़ने के लिए डाँट, काम अंक आने की चिंता, अपेक्षाओं पर खरा न उतार पाने का दबाव रहता है |
लेकिन इन दबावों को दरकिनार करके हँसते – हँसते सीखते रहने का एक अलग ही आनंद होता है, और यही सोच सकारात्मक सोच कहलाता है | छात्र जीवन में प्रतिस्पर्धा का एक अलग महत्त्व होता है, जो विद्यार्थी के जीवन को उज्ज्वल बनाता है | विचारों के जाल में कुछविद्यार्थी असफल हो जाते है , वही कुछ सातवें स्थान पर पहुँच जाते है, इसके लिए एक कारक बहुत ज्यादा प्रभाव छोड़ता है वह है कुछ कर दिखने का जोश,
जिस भी छात्र ने कुछ कर दिखने के जोश के सतह अपने लक्ष्य की ओर बढ़ा उसे सफलता देर सबेर अवश्य मिलती है, वही जो विद्यार्थी डर गए या घबरा गए वे असफल हो जाते है | इसके लिए विद्यार्थियों को ये बखूबी समझ लेना चाहिए कि परीक्षाएं मनोबल गिराने के लिए नहीं बल्कि कमियों और खूबियों की पहचान कराना होता है ताकि उनमें सुधार कर अच्छा प्रदर्शन कर सके |
कुछ ऐसे भी विद्यार्थी होते है जो प्रतिस्पर्धा के परिणाम से डरते है, असफलता के विचार से कांपते रहते है | उन लोगों से मै कहना चाहूँगा कि वे ऐसे विचार से दूर रहे और सफलता के एक चुनौती मानकर स्वीकार करे | और अपने कमी को समझकर, उन्हे दूर करना चाहिए |
वर्तमान और अतीत में कई ऐसे महान व्यक्ति उदाहरण के लिए है, जो अपने शुरुवाती समय मे असफल हुए है किन्तु प्रतिस्पर्धाओं को चुनौती समझकर सामना किए और सफल हुए है, जैसे – स्टीव जॉब्स, बिल गेट्स, अल्बर्ट आइंस्टीन, अब्राहम लिंकन, मेरी कॉम,आदि | आज इन लोगों को विश्व में आदर्श के रूप में जाना जाता है | इसलिए हर एक छात्र को इनको आदर्श मानकर आगे बढ़ना चाहिए |
कुछ विद्यार्थी के डर का कारण दूसरों की आकांक्षाओं और उनसे की गई अपेक्षाओं से होता है, उन्हे डर होता है कि वे दूसरों के उम्मीद पर खरे होंगे या नहीं | ऐसी स्थिति में छात्र स्वयं पर भरोसा करना सीखे और विचार करे कि लोग उनसे अपेक्षा इसलिए रखते है क्योंकि वे हमारे ऊपर विश्वास रखते है, इसलिए छात्र को खुद पर यकीन करना चाहिए, इरादे बुलंद रखे, मन में हर समय जोश जगाए रखे, कुछ कर गुजरने की चाह को जीवित रखे , इसके लिए मेहनत करने का जज्बा बनाए और ये सोचे की इन लोगों का साथ उनके साथ है तो सफलता ज्यादा दूर नहीं है |
आज का समय प्रतिस्पर्धाओं से भरा पड़ा है, इनका सामना भी करना है, इससे किसी को छुटकारा नहीं मिलने वाला है, तो क्यों न हम इसके लिए तैयारी अभी से करना शुरू कर दे | इसलिए इन चुनौतियों का सामना करने के लिए निडर बन जाये | इसके लिए महत्त्वपूर्ण बाते, जो हर व्यक्ति को उसके व्यक्तित्व को आकर्षक बना सकता है, के बारे में जानते है |
लोगों में अच्छाई ढूँढे
जब हम किसी व्यक्ति से मिलते है तो उसकी एक छवि हमारे मन में बन जाति है, यह सकारात्मक, नकारात्मक अथवा नेचुरल में से कोई भी हो सकता है लेकिन यदि आप अपने व्यक्तित्व में सुधार लाना चाहते है, लोगों के बीच आकर्षण बनना चाहते है तो आपको अपने अंदर सकारात्मक सोच लाना ही पड़ेगा, इसके लिए मस्तिष्क को यह सिखाना पड़ेगा कि वह हर व्यक्ति में अच्छाई को ढूढ़ें, बुराई नहीं |इसके लिए हमें सहशील बनना पड़ेगा |
लोगों से मुस्कुराते हुए मिलिए
मुस्कुराकर किसी से मिलने से सामने वाले व्यक्ति का नजरिया आपके प्रति और अधिक आकर्षक हो जाता है | ऐसा करने से सामने वाले के मन में, यह महसूस होता है कि आप सामने वाले को कितना पसंद करते है, साथ ही साथ आपका संबंध भी मजबूत बनता है | इसलिए आप जब भी किसे बात करे, तो हमेशा अपने चेहरे पर मुस्कुराहट रखे |
नाम को हमेशा ध्यान में रखें
जब भी आप किसी से पहली बार मिले, परिचय के बाद उस व्यक्ति के नाम को हमेशा याद रखे क्योंकि किसी भी व्यक्ति के लिए उसका नाम बहुत महत्त्वपूर्ण होता है | बात करते समय बीच – बीच में उस व्यक्ति का नाम अवश्य ले ऐसा करने से सामने वाले व्यक्ति को इंपोर्टेन्स महसूस होता है और वह आपकी ओर ज्यादा ध्यान देता है, साथ ही साथ उसको इस बात से खुशी होती है कि आप उसको और उसके नाम को महत्त्व दे रहे है |
ऐसा करने से लोग आपको और अधिक पसंद करेंगे, खुश होंगे | यदि हम खुश होकर बात करते है तो इसका प्रभाव हमारी इंप्रेशन पर भी पड़ता है जिसे देखकर लोग यह समझ जाते है आप खुश है | इसलिए यह बात हमेशा ध्यान रखें की जब भी आप किसी से मिले या बात करे तो मुसकुराहट के साथ |
अपने पर विश्वास रखें
यदि आप अपने जीवन में कुछ बनना चाहते है या कुछ प्राप्त करना चाहते है तो आपके अंदर विश्वास का होना बहुत आवश्यक है | व्यक्तित्व विकास के लिए आपके अंदर ये विश्वास होना चाहिए कि अमुक कार्य को मै कर सकता हूँ | मन में यह कभी भी विचार ना लाए कि हम यह कार्य नहीं कर सकते, ऐसा सोचने से आपके दिमाग में सिर्फ नकारात्मकता उत्पन्न होगा, जो आपके विकास में रुकावट पैदा करेगा | इससे दूर रहने के लिए मोटवैशन कहानी पढे, सफल लोगों ने असफलता को कीसे झेला है, उसके बारे मे जानने का प्रयास करे, ऐसी किताबें पढे जिनसे आपको सफलता मिले और जीवन में आगे बढ़ने का प्रोत्साहन प्राप्त हो |
सकारात्मक सोच
किसी भी कार्य में सफलता के लिए सकारात्मक सोच सफलता की कुंजी है, इसलिए जीवन में हमेशा सकारात्मक सोच बनाए रखना चाहिए | इसका असर हमारे व्यक्तित्व विकास पर भी पड़ता है, ऐसा करने से सेल्फ कॉन्फिडेंस को बढ़ावा मिलता है, जो आपको सफलता की ओर ले जाता है |जीवन में हार और जीत आते रहते है, ये चाहे परीक्षा में हो या जीवन में किसी लक्ष्य प्राप्ति को लेकर हो, उसके दो ही परिणाम आते है हार या जीत | हारने का मुख्य कारण नकारात्मक सोच होता है और जीतने का सकारात्मक सोच, इसलिए परिणाम की चिंता किए बिना हमेशा सकारात्मक सोच अपनाना चाहिए, नकारात्मकता को दिमाग में पैदा भी न होने दे |
अपने हाव-भाव की भाषा में सुधार लाएं
हमारे कार्यों पर शारीरिक हाव-भाव का कितना असर होता है यह सभी जानते ही होंगे, इसलिए व्यक्तित्व विकास के लिए इस सुधार की बहुत आवश्यकता होती है |हाव- भाव की भाषा से लोगों को हमारे बारे में सब कुछ पता चलता है |हम किस प्रकार बैठते है?, लोगों से मिलने का हमारा क्या तरीका है? खाने का तरीका, खड़े होने का तरीका इत्यादि | ये सारे बॉडी लंग्वेज में आते है, जो व्यक्तित्व विकास से जुड़े हुए है | इसलिए इन सभी बातों का ध्यान रखना चाहिए और इन्हे सुधारना चाहिए | एक और बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि जब भी आप किसी दूसरे व्यक्ति से बात करे तो आँख से आँख मिलाकर बात करे | उस दौरान मन मे जो भी परेशानी चल रही है, उस समय सब कुछ भूल जाए |
पहनावा
आपके पहनावे का असर व्यक्तित्व विकास पर बहुत अधिक होता है, हमेशा साफ सुथरे कपड़े पहने, जूतों में पोलिश लगा कर रखे | ऐसा करने से व्यक्तित्व में वृद्धि होता है, और आप लोगों को आकर्षित करने में सफल होंगे, लोग आपकी तारीफ करेंगे | फटे, पुराने कपड़े या जूते को पहनने से बचे |
सामाजिक संस्कार अपने अंदर लाए
संस्कार क्या है ? इसके बारे में सभी जानते तो होंगे फिर भी मै आपलोगों को बता दूँ, संस्कार का मतलब है कि व्यक्ति के अंदर अच्छी आदतों को लाना और उनको दिनचर्या में शामिल करना | इसको इस प्रकार समझे जब आप अपने से बड़े लोगों से मिले, तो उनको नमस्ते बोले या झुककर उनके चरण स्पर्श करे | अपने से छोटे लोगों से प्यार से बात करे | उनको भी “आप” जैसे शब्दों का प्रयोग करके सम्मान दे | इस तरह के छोटे- छोटे मगर मोटे सामाजिक संस्कार अपने व्यक्तित्व में शामिल करें और उनको अपने जीवन मे लागू करके अपने आकर्षण को बढ़ा सकते है | जिससे लोग आपको ज्यादा से ज्यादा पसंद करेंगे और आपसे बात भी करना चाहेंगे |
पीठ पीछे किसी के बारे में ना बोले
जब भी किसी के अंदर बुरी बातों के बारे में चर्चा की जाति है तो सबसे बड़ी बुरी बात होती है पीठ पीछे किसी की बुराई करना | एक बात अपने दिमाग में हमेशा याद रखे, किसी के प्रति आपके पास कितना भी नकारात्मक सोच हो, कभी भी उसकी बुराई उसके पीठ पीछे न बोले बल्कि उनसे आप दूरी बना ले | जो व्यक्ति किसी की अनुपास्थिती में पीठ पीछे बुराई करता है, उनके इस आदत का प्रभाव सीधे व्यक्तित्व विकास पर पड़ता है |
झूठ कभी भी झूठ न बोले
हमारे शस्त्रों में लिखा गया है कि झूठ बोलना पाप है, इसलिए हमे हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि झूठ ना बोले | यदि हम ऐसा करते है तो एक दिन हमारा झूठ पकड़ा जायेगा, जो लोगों के सामने आएगा फिर क्याा जो छवि अच्छी होने के लिए हमने लोगों के बीच में बनाई थी वह व्यर्थ हो जायेगा, जिसको लेकर लोग तरह – तरह की बात बनाने लगेंगे और हमारी छवि और खराब होगी |
किसी का भरोसा कभी ना तोड़े
जब भी कोई अपने मन की बात आपको बताता है तो वह यह आप पर यह विश्वास रखता है कि आप इसे किसी अन्य के साथ कभी भी शेयर नहीं करेंगे | यदि आप ऐसा करते है तो उसका आप पर से भरोसा टूट जायेगा और उस व्यक्ति के सामने आपकी छवि हमेशा के लिए खराब हो जाएगी | किसी का भरोसा कभी नया टूटे, व्यक्तिगत विकास में उतना ही महत्त्वपूर्ण है जितना अन्य बाते | अतः इस बात का विशेष ख्याल रखना चाहिए |
इसके अलावा व्यक्तिगत विकास के लिए निम्न महत्त्वपूर्ण 10 बातों का अवश्य ध्यान रखे –
1- अच्छे लोगों के साथ संगत करें |
2- अच्छाई और बुराई में संगत करना सीखे |
3- लोगों के लिए भरोसेमंद बने |
4- किसी को कभी भी नीचा दिखने का प्रयास भूलकर भी ना करे |
5- दूसरों से बहुत ज्यादा नजदीकी बनाने या चिपकाने का प्रयास कभी ना करे, ऐसा करने से लोग आपसे दूर भागने लगेंगे |
6- जिम्मेदारियों को उठाना सीखे |
7- खाने की आदत में सुधार लाए, साथ ही साथ चलने का तरीका भी सीखे |
8- गुस्सा ना करे , न तो गुस्सा आने पर दूसरों पर चिलाएं |
9- हमेशा दूसरों की मदद के लिए तैयार रहें |
10- हमेशा कुछ नया सीखने की कोशिश करें, खुद सीखे और दूसरों को भी सिखाएं |
इन सभी बातों को ध्यान में रखें क्योंकि इसका प्रभाव आपके व्यक्तित्व विकास पर पड़ता है और इसके अलावा अब हम आपको अपने अगले ब्लॉग पोस्ट में यह बताएंगे किआप किस प्रकार अपनी एकाग्रता को बढ़ाएं |
Read More in Hindi – How to Make an Impresson in an Interview
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