समाज क्या है ?
समाज मानव जीवन एक ऐसा समूह है जिसमें लोग एक दूसरे के साथ परस्पर जुड़े होते हैं। समाज का निर्माण विभिन्न व्यक्तियों, समूहों और संस्थाओं के साथ होता है जो सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से आपस में संबंधित होते हैं। समाज में लोग अपनी आवश्यकताओं और इच्छाओं की पूर्ति के लिए एक दूसरे पर निर्भर रहते हैं।
समाज की नींव पारस्परिक सहयोग, सामूहिकता और सहभागिता पर आधारित होती है। समाज में लोग अपने विचारों, मान्यताओं, परंपराओं और संस्कृति को साझा करते हैं। ये तत्व समाज को एकता और स्थिरता प्रदान करते हैं। समाज में विभिन्न प्रकार की संरचनाएँ होती हैं जैसे परिवार, विद्यालय, धर्म, अर्थव्यवस्था, और सरकार, जो सामाजिक जीवन को संचालित करती हैं। इन सभी जगहों पर आचरण ,शिष्टाचार और रीतिरिवाज का अपना एक अलग ही महत्त्व होता है |
समाज का मुख्य उद्देश्य सामाजिक न्याय, समानता और मानव कल्याण की प्राप्ति होता है। समाज में व्यक्ति की पहचान और स्थान उसके कार्यों, उसकी योग्यता और उसके सामाजिक योगदान के आधार पर निर्धारित होती है। समाज व्यक्ति को सुरक्षा, सहयोग और समर्थन प्रदान करता है, जिससे वह अपने जीवन को सुखी और समृद्ध बना सकता है। समाज में आचरण ,शिष्टाचार और रीतिरिवाज एक अहम भूमिका निभाते है | आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम आचरण ,शिष्टाचार और रीतिरिवाज के बारे मे विस्तृत रूप से समझेंगे |
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समाज में आचरण ,शिष्टाचार और रीतिरिवाज क्यों आवश्यक है ?
परिचय
समाज क्या है ? समाज में आचरण, शिष्टाचार और रीतिरिवाज हमारे समाज की नींव हैं, जो हमारे आपसी संबंधों और सामाजिक संरचना को मजबूत करते हैं। ये तीनों तत्व हमें न केवल सभ्य और सुसंस्कृत बनाते हैं, बल्कि हमारे व्यवहार, बोलचाल और रहन-सहन में भी अनुशासन और मर्यादा स्थापित करते हैं। आचरण हमारे व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन के नैतिक मानकों को दर्शाता है, शिष्टाचार हमें दूसरों के प्रति आदर और सम्मान सिखाता है, और रीतिरिवाज हमारे सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करते हैं। इनकी समृद्ध परंपराओं को समझना और अपनाना हमें एक बेहतर नागरिक बनने में मदद करता है।
प्रिय पाठक बंधुओं आज के इस लेख में हम आचरण, शिष्टाचार और रीतिरिवाज के बारे में बिस्तर पूर्वक समझेंगे और जानेंगे कि इन तीनों का हमारे जीवन में क्यों महत्वपूर्ण है ? आचरण , शिष्टाचार और रीतिरिवाज का सही अर्थ क्या है ? आचरण , शिष्टाचार और रीति रिवाज से हम क्या समझते है ? मनुष्य के अंदर एक अच्छे समाज के निर्माण के लिए इनका होना क्यों आवश्यक है ?
आचरण का अर्थ
किसी कार्य के करने के तरीके या ढंग को आचरण कहा जाता है किन्तु आचरण शब्द का कुछ और अर्थ है | जहां तक तरीके की बात है तो इसका मतलब यह है कि आप अपना उपयोग किस प्रकार करते है जबकि आचरण का मतलब यह है कि आप दूसरों से किस प्रकार पेश आते है |
आचरण किसी व्यक्ति की संस्कृति, नस्ल और कुल – खानदान को मिलाकर उसके देश के विकास पर निर्भर करती है | फिलहाल अच्छा आचरण व्यक्ति की उदारता, विनम्रता, दया और ऐसे ही गुणों पर निर्भर करता है | अच्छे आचरण के कई पहलू है , जिनका उपयोग पूरी तरह से कही और किसी भी अवसर पर किया जा सकता है |
शिष्टाचार का अर्थ
समाज मे शिष्टाचार का आशय समाज या किसी पेशे विशेष से संबंधित लोगों के साथ उचित या विनम्र व्यवहार है | शिष्टाचार सदियों पहले समाज के अस्तित्व में आ चुका था , इसलिए शिष्टाचार, आचरण से श्रेष्ट है | शिष्टाचार के लिए अलग – अलग श्रेणियाँ निश्चित है, जिसका उल्लंघन नहीं किया जा सकता जैसे पुरुष और महिलाओं के बीच समानता, बेसहारा लोगों की सहायता करना, बच्चों के साथ उदारता से पेश आना और प्रत्येक व्यक्ति की आजादी के अधिकार का सम्मान करना आदि |
रीति रिवाज का अर्थ
रीति रिवाज का अर्थ किसी व्यवहार को स्वीकार करने का तरीका या समाज या समुदाय में कार्य करने का तरीका से है जैसे दिवाली में लोगों को उपहार देने का रिवाज, अतीत में बाल विवाह का प्रचलन | रीति रिवाज में आमतौर पर किसी व्यक्ति से मांग करते है कि उस व्यक्ति को उक्त कार्य करना है |
अतः कह सकते है कि आचरण, शिष्टाचार और रीति रिवाज किसी समाज और व्यक्ति की व्याख्या करते है, जो उस समाज का हिस्सा है जो व्यक्ति के पालन – पोषण के तौर तरीकों से झलकता है | लेकिन इन तीनों गुणों का अच्छे से उपयोग करके कोई भी व्यक्ति न केवल अपनी नजरों में बल्कि सहयोगियों और समाज की नजरों में अपने कद को ऊंचा कर सकता है |
आचरण का जीवन मे महत्त्व
आप खराब व्यवहार के साथ जीवन बीता सकते है, किन्तु अच्छे आचरण के साथ जीवन आसान बन जाता है | अच्छे आचरण का होना किसी व्यति के जीवन में होना बहुत महत्त्व पूर्ण होता है | अच्छे आचरण का आशय केवल यह नहीं है कि आप नियमों का पालन करें और अच्छे आचरण का प्रदर्शन करें | अपेक्षित आचरण क्यों जरूरी है इसके कई कारण है , इसे इस प्रकार समझे –
सड़क के बीच में न चले | समय का पालन करे | जमीन पर न थूकें | अपनी सीट महिलाओं को दे | विनम्रता पूर्वक बातचीत करें | बुजुर्गों का सम्मान करें | धीरे से नाक छिड़कें | दूसरों के सामने उबासी या अंगड़ाई न लें | जब दूसरे लोग बात चीत में मशगूल हो तब व्यवधान न डालें | कृपया या शुक्रिया शब्द का इस्तेमाल करें | ये सभी और अन्य अन्य अच्छाईयां कई लोगों के लिए छोटी बाते हो सकती है लेकिन इन सभी बातों का समाज में एक अलग ही महत्त्व है |
उपरोक्त छोटी – छोटी बाते एक अच्छे आचरण की बातें है | यदि आप इन छोटी – छोटी बातों का अपेक्षित आचरण नहीं दिखाते तो इसका मतलब यही होता है कि आप दूसरों का ध्यान नहीं रखते, इससे आपका समाज में या आपके समुदाय मे व्यक्तिगत व्यवहार का नुकसान होता है | इसलिए समाज मे अच्छे आचरण का एक अलग ही महत्त्व है |
निष्कर्ष
आचरण, शिष्टाचार और रीतिरिवाज तीनों का पूरा खेल ध्यान रखने और दूसरों के प्रति सम्मान का भाव रखने से है | नीचे दी हुई बातों पर विचार कीजिए और उसमे क्या सिध्दांत निहित है , इस पर ध्यान दीजिए और आपको स्पष्ट रूप से इस बात का जवाब मिल जाएगा कि आचरण, शिष्टाचार और रीति रिवाज समाज के लिए क्यों आवश्यक है ?
- कभी भी कही भी थूकना |
- अपने से तीन सीट दूर बैठे हुए व्यक्ति से बातचीत करना |
- अपने बॉस को छुट्टी की योजना के बारे में अंतिम समय तक जानकारी न देना |
- बंद कमरे में बगैर खटखटाए या बिना अनुमति के प्रवेश करना |
- खुद को अच्छा मेजबान साबित करने के लिए मेहमान पर खाने – पीने के लिए दबाव डालना |
- दोस्त या रिस्तेदार के भोजन या सोने के समय उससे मुलाकात करने जाना |
- अपनी क्षमताओं के बारे में बातचीत के दौरान अन्य कमियों पर चर्चा करना |
- कमरे या कार में तेज आवाज में संगीत बजाना साथ ही साथ बेवजह कार या मोटर साइकिल का हॉर्न बजाना |
- कार में अपने सीटको पीछे की ओर ज्यादा झुकाना, भले ही उससे दूसरे यात्री का घुटना दाब रहा हो |
- चलती कार से फल के छिलके या वेफ़र के पैकेट को फाड़कर फेंकना |
- किसी महत्त्वपूर्ण बैठक में भाग लेना हो, लेकिन फ्लाईट या ट्रेन पकड़ने में देरी हो रही हो और इसके लिए आप दूसरों पर चीखे – चिल्लाए |
- अखबार पढ़ने के बाद उसे मुड़ा – तुड़ा छोड़ देना , उसे तह लगाकर उस तरह नहीं रखना , जिस रूप में वह सुबह आया था |
समाज क्या है ? यदि आप इसके बारे मे और कुछ जानकारी हो तो हमें अवश्य बताए |
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