दोस्तों Ind vs Pak 1971 सीरीज के नवें भाग में हम युद्ध के बाद भारत , बांग्लादेश और पाकिस्तान के आपसी संबंध के बारे में बात करेंगे | तो चलिए शुरू करते है – साल 1971 की युद्ध के बाद जो सबसे बड़ा सवाल था वह यह था कि अब यह तीनों पड़ोसी देश एक दूसरे के साथ कैसे रहने वाले हैं ? क्योंकि उस समय भारत पहले से ही चीन के साथ खराब संबंध रख रहा था | अब पाकिस्तान भी इस लिस्ट में शामिल हो गया था | हालांकि पाकिस्तान के साथ भारत के संबंध पहले से ही खराब थे |
लेकिन साल 1971 की युद्ध ने पाकिस्तान की दुनिया भर में बहुत ज्यादा बेज्जती कराई थी | इसी वजह से हर पाकिस्तानी सरकार अपने नागरिकों से यही बात कहती थी कि वह भारत से इस बात का बदला लेगी | इसी वजह से पाकिस्तान ने जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों को ट्रेनिंग देकर भेजना शुरू किया |
जिसका नतीजा यह हुआ की घाटी में लगातार आतंकवादी गतिविधियां बढ़ती गई | और तो और 80 के दशक में यह गतिविधियां इतनी बढ़ गई थी कि साल 1990 तक घाटी के माइनॉरिटी समुदायों को अपनी जान बचाने के लिए वहां से रातों-रात भागना पड़ा | आज भी पाकिस्तान की ओर से यह कोशिश की जाती है कि वह भारत से साल 1971 की युद्ध का बदला ले | सिर्फ इतना ही नहीं पाकिस्तान की ओर से इसके लिए एक कोशिश की भी गई थी |
जब साल 1999 में पाकिस्तान ने कारगिल युद्ध किया था | यह युद्ध भी पाकिस्तान ने ही शुरू किया था | लेकिन इसमें भी पाकिस्तान को हर का सामना करना पड़ा | उस वक्त पाकिस्तान के 4000 सैनिक भी शहीद हुए | पाकिस्तान को कारगिल युद्ध के बाद दुनिया भर से काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी | उसके बाद लगभग हर देश भारत के साथ खड़ा हो गया था | वही इस युद्ध से दो-तीन महीने पहले भारत की ओर से एक बड़े नेता अटल बिहारी वाजपेई पाकिस्तान के दौरे पर गए थे |
वहां पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने उनका पूरी गर्म जोशी के साथ स्वागत किया | दोनों देशों ने एक दूसरे के ऊपर हमला न करने का वादा किया था | लेकिन एक बार फिर पाकिस्तान ने अपने वादों को तोड़ते हुए कारगिल युद्ध की शुरुआत की थी | साल 2004 में भी अटल बिहारी वाजपेई फिर से पाकिस्तान गए थे |
लेकिन इसके कुछ सालों के बाद पाकिस्तान की ओर से भेजे गए | आतंकवादियों ने मुंबई आतंकी हमले किए थे | जिसमें सैकड़ो लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी | इससे भारत को धीरे-धीरे यह अंदाजा होने लग गया था कि पाकिस्तान के साथ संबंध रखना, शायद मुमकिन नहीं है |
इसके बाद पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री इमरान खान के आने के बाद यह संबंध और बिगड़ते गए | भारत ने जब जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाया था, तो पाकिस्तान ने इसके विरोध में भारत के साथ ट्रेड पूरी तरह से बंद कर दिया | इसका असर यह हुआ कि पाकिस्तान को आज जरूरी चीज बहुत ही महंगे दामों पर दूसरे देशों से खरीदनी पड़ रही है |
अब बात करते हैं साल 1971 की युद्ध के बाद भारत और बांग्लादेश के संबंधों के बारे में, यह बात तो साफ़ थी कि भारत की मदद के बिना बांग्लादेश कभी आजाद नहीं हो सकता था | इस युद्ध में भारत के हजारों जवानों ने अपनी जान गवां कर बांग्लादेश को आजादी दिलवाई थी | दोनों देशों के बीच के संबंध साल 1971 की युद्ध के बाद भी काफी अच्छे रहे थे |
लेकिन कुछ ही सालों के बाद दोनों देशों के बीच कई सारी समस्याएं भी निकल कर सामने आने लगी | इसके अलावा कुछ ऐसे डाकू भी थे | जिनको लेकर दोनों देशों के बीच विवाद काफी लंबे समय तक चला था | ऐसा भी देखा गया था कि बांग्लादेश के कुछ आतंकवादी संगठन, भारत को नुकसान पहुंचाने की फिराक में रहते थे |
हालांकि अब दोनों देश इन संगठनों से लड़ने के लिए साथ में आ चुके हैं | मगर इसके अलावा भारत और बांग्लादेश की लंबी सीमा होने की वजह से भारत में हर साल कई सारे बांग्ला देशी घुसपैठ करके गैर कानूनी तरीके से भारत में आने लगते हैं | फिलहाल इन सब समस्याओं को लेकर अब भारत और बांग्लादेश में आपसी समझौते हो चुके हैं | अब दोनों देशों के बीच के रिश्ते काफी बेहतर है |
वहीं अगर बांग्लादेश और पाकिस्तान के रिश्तों की बात करें तो ये दोनों देश एक दूसरे पर ज्यादा निर्भर नहीं है | इनका संबंध ना खराब है | न ही बहुत अच्छा | लेकिन यह भी सच है कि बांग्लादेश आज पाकिस्तान से भी कई मायनो में आगे निकल चुका है |
यहां की बढ़ती हुई कॉटन इंडस्ट्री ने पाकिस्तान को काफी पीछे छोड़ दिया है | इसकी बड़ी वजह यह है कि पाकिस्तान की कपड़े की इंडस्ट्री काफी नुकसान में रहती है | हालांकि पाकिस्तान ने कभी भी बांग्लादेश पर सीधे-सीधे इस बात का आरोप नहीं लगाया है | इसीलिए इन दोनों देशों के बीच के संबंध औसत दर्जे के हैं |
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