दोस्तों, आज हम इस आठवें भाग में बात करेंगे कि क्या जम्मू और कश्मीर में शुरू से ही एक मिलिटेंसी यानि आतंकवाद रहा है ? क्या कश्मीर में कभी शांति नहीं रही है? क्या कश्मीर हमेशा से सुलगता रहा है ? तो चलिए शुरू करते हैं अपने इस आठवें भाग को – कश्मीर में आतंकवाद की समस्या आजादी के समय से नहीं है | आजादी के बाद कश्मीर बहुत ही शानदार और खूबसूरत था | आज भी खूबसूरत है |
लेकिन आजादी के कुछ सालों के बाद पाकिस्तान ने वहां मिलिटेंसी की शुरुआत की | लेकिन फिर भी मिलिटेंसी लगभग नाम मात्र की थी | हल्की-फुल्की कहीं कुछ हो गया या कोई घटना हो गई लेकिन कोई बहुत बड़ी घटना कभी नहीं हुई | लेकिन फिर 1987 में कुछ ऐसा हुआ जिसने कश्मीर की तस्वीर को बदल दिया |
जम्मू और कश्मीर में आतंकवाद की शुरुवात
जम्मू – कश्मीर और फारुख अब्दुल
1987 में जम्मू एंड कश्मीर में विधानसभा चुनाव हुआ था | कुछ लोग ऐसा कहते हैं कि उस चुनाव में भारत सरकार ने फारूक अब्दुल्ला को जीताने में मदद की थी | उस चुनाव के बाद जम्मू एंड कश्मीर में काफी हिंसा हुई | उस हिंसा को हवा पाकिस्तान ने दी, जो बहुत लंबे समय से जम्मू एंड कश्मीर में आतंकवाद को बड़े रूप में फैलाना चाहता था | इस चुनाव ने पाकिस्तान को यह मौका दे दिया |
पाकिस्तान के सहारे पर बहुत सारे आतंकवादी ग्रुप खड़े हुए | जैसे लश्कर ए तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जैस ए मोहम्मद तथा और भी बहुत सारे छोटे-छोटे आतंकवादी ग्रुप खड़े हुए | अब आपको लग रहा होगा कि शायद मिलिटेंसी यानी कि आतंकवाद पूरे कश्मीर में फैला है | लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है आतंकवाद पूरे जम्मू एंड कश्मीर के मात्र 20% से भी कम के हिस्से में है, बाकी का 80% से भी ज्यादा का हिस्सा खुशहाल और शांत रहता है |
श्रीनगर बना Most Creative City
शायद यह बात आपको पता नहीं होगी कि श्रीनगर को , यूनेस्को जो की एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है, के द्वारा नवंबर 2021 में दुनिया का सबसे रचनात्मक शहर यानी मोस्ट क्रिएटिव सिटी घोषित किया गया | ऐसा तभी हो पाया, जब हमारी सरकार ने वहां की रचनात्मकता, वहां की संस्कृति और कला को संभाल कर रखा | श्रीनगर को मिला यह दर्जा पाकिस्तान और आतंकवादियों के लिए एक तमाचा है | साथ में उन अलगाव वादियों के ऊपर भी एक तमाचा है, जो कश्मीर को भारत से अलग करना चाहते हैं |
दोस्तों अब बात करते है कि पूरी दुनिया में आतंकवाद कैसे काम करता है ? कैसे आतंकवादियों को चुना जाता है? इनको पैसे कहां से मिलते हैं ? कौन-कौन से देश आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं ? क्या यह सिर्फ धार्मिक कट्टरपंथी है ? या इससे बढ़कर कुछ और भी हो चुका है |
आतंकवाद की जननी कट्टरपंथ
दुनिया में आतंकवाद धार्मिक कट्टरपंथी से शुरू होकर आज एक बिजनेस का रूप ले चुका है | जिसका मुख्य उद्देश्य सिर्फ पैसा और पावर है | इन सब चीजों की शुरुआत सऊदी अरब से हुई थी| दुनिया के सबसे बड़े आतंकवादी ओसामा बिन लादेन का जन्म भी सऊदी अरब में हुआ था | वह सऊदी अरब के एक रईस परिवार से था |
अमेरिका के खिलाफ लड़ने के लिए उसे सऊदी अरब से पैसे और हथियार दोनों मिलते थे | लेकिन अब सवाल यह उठता है कि सऊदी अरब आतंकवाद को बढ़ावा क्यों देता है? इसका बहुत साधारण सा जवाब है कि वह दूसरे मुस्लिम देशों से यही चाहता है कि वह सऊदी अरब के नेतृत्व को स्वीकार करें और जो देश उसके नेतृत्व को स्वीकार नहीं करते है , उन देशों में आतंकवाद के जरिए विध्वंस मचाता है |
इस वजह से उसके बहुत सारे दुश्मन खड़े हो गए | जैसे ईरान, तुर्की ,और यमन | ईरान और तुर्की , सऊदी अरब को मुस्लिम वर्ल्ड का नेता नहीं मानते है | वे खुद को सऊदी अरब की जगह पर स्थापित करना चाहते हैं | इस काम में यमन तुर्की का साथ देता है | जिस वजह से ये तीनों देश सऊदी अरब के दुश्मन बन बैठे हैं |
लेकिन कुछ ऐसे भी देश है जो अरब को वास्तव में मुस्लिम देशों का लीडर मानते हैं क्योंकि इस्लाम की शुरुआत सऊदी अरब से ही हुई थी | जैसे कि पाकिस्तान अफ़गानिस्तान और भी बहुत सारे मुस्लिम देश | सऊदी अरब को मुस्लिम देशों का नेता मानने के बदले, सऊदी अरब उन देशों को पैसे, पेट्रोल, आतंकवादियों के लिए हथियार और फंड फ्री में दे देता है|
मुस्लिम देश की सोच
कुछ आतंकी संगठन दूसरे देशों का काम करके भी पैसा कमाते हैं, जैसे – कुछ देश जो अपने दुश्मन देश से जलते हैं | वे इन आतंकवादी संगठनों के पास जाते हैं | इन्हें पैसे देते हैं और अपने दुश्मन देश में हमला करवाते हैं | जैसे कि पाकिस्तान हमारे देश में करता है | पाकिस्तान के सिर पर हमेशा सऊदी अरब का हाथ रहा है | सऊदी अरब पाकिस्तान को कम दाम में तेल, बहुत कम व्याज दर पर पैसे और साथ ही साथ पाकिस्तान के आतंकवादियों के लिए भी पैसे देता रहा है |
पाकिस्तान एक ऐसा देश है जो खुद के सिर पर बंदूक रखकर कहता है कि मुझे पैसे दो या फिर कश्मीर मुद्दे पर कुछ करो नहीं, तो मैं खुद को गोली मारकर सुसाइड कर लूंगा | पाकिस्तान की इस हरकत से बहुत सारे देश तंग आ चुके हैं | अब पाकिस्तान का साथ धीरे-धीरे विश्व के अन्य देश छोड़ते जा रहे हैं | पिछले दो-तीन सालों में पाकिस्तान और सऊदी अरब के रिश्ते भी खराब हो चुके हैं |
इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है, पाकिस्तान का बढ़-चढ़कर तुर्की का साथ देना | जो सऊदी अरब बिल्कुल भी पसंद नहीं करता | क्योंकि तुर्की ऐसा देश है जो सऊदी अरब के नेतृत्व को चैलेंज करता आया है | इसलिए अब वह पाकिस्तान से दोस्ती निभाने के लिए भारत जैसे ताकतवर देश से दुश्मनी मोल नहीं लेना चाहता |
अब भारत के साथ सऊदी अरब का रिश्ता बहुत तेजी से सुधर रहा है | साथ ही साथ भारत सऊदी अरब से सबसे ज्यादा पेट्रोल खरीदता है | इसलिए सऊदी अरब अब भारत को नाराज नहीं करना चाहता है | उसने कुछ सालों से पाकिस्तान के आतंकियों को पैसा देना बंद कर दिया है |
आतंकवादी कैसे बनाये जाते है ?
अब हम बात करेंगे कि पूरा आतंकवादियों का मॉडल कैसे काम करता है? वह कैसे लड़कों को रिक्रूट करता है? कैसे उनके जरिए फिदाइन हमले, आतंकवादी संगठन अपने गिरोहों को चलाने के लिए हमेशा लड़कों की भर्ती करते रहते हैं |इस काम के लिए इन आतंकवादी संगठनों के एजेंट, जो अलग-अलग देशो में रहते हैं | वे कम उम्र के लड़कों को जिनकी उम्र 12 से 22 के बीच की हो, उनको अपना टारगेट बनाते हैं और इसके लिए फेसबुक और व्हाट्सएप का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं | फिर उनसे मिलकर उनके परिवार की आर्थिक स्थिति का फायदा उठाकर उन्हें कुछ पैसे देकर अपने गिरोह में शामिल करते हैं | इसके साथ वे दूसरे धर्म के लोगों द्वारा, उनके धर्म के लोगों के ऊपर हो रहे अत्याचार का फेक वीडियो और फोटो दिखा कर भी उन्हें अपने ग्रुप में शामिल करते हैं |
जम्मू और कश्मीर के लड़कों को ग्रुप में शामिल करने के बाद, उन्हें ट्रेनिंग के लिए अलग-अलग देशों में ले जाया जाता है | जैसे कि पाकिस्तान सीरिया और अफगानिस्तान | यहां पर उन्हें शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के ट्रेनिंग दी जाती है | फिर यहां उनके दिल में दूसरे धर्म के प्रति इतनी नफरत भर दी जाती है कि वह अब दूसरों को मारने और खुद भी मरने के लिए तैयार हो जाते हैं | जब वे पूरी तरीके से तैयार हो जाते हैं , तो उन्हें मिशन के लिए भेज दिया जाता है |
इस तरीके से इन आतंकी संगठनों के आका यानी कि उनके मालिक एसी वाले कमरे में बैठकर दूसरे देशों से करोड़ों रुपए कमाते हैं | जम्मू और कश्मीर के नासमझ और मासूम लड़के इनका शिकार होकर धर्म के नाम पर दूसरों को मारते हैं और खुद को भी खत्म कर लेते हैं |
फिलहाल आज के लिए बस इतना ही अगले भाग में हम बात करेंगे कि कैसे URI का अटैक आतंकियों द्वारा प्लान किया गया ? और कैसे इसे अंजाम दिया गया ? तो मिलते हैं अगले भाग में …………………
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