Change After The Abrogation of Article 370 | अनुच्छेद 370 हटने के बाद बदलाव |

दोस्तों  इस पोस्ट में हम सब जानेंगे कि Change After The Abrogation of Article 370 | अनुच्छेद 370 हटने के बाद  क्या – क्या  बदलाव आए है| तो चलिए शुरू करते है , मोदी सरकार के इस फैसले ने कश्मीर की घाटी की सियासत को पूरी तरह से बदल दिया | प्रधान मंत्री मोदी ने इस निर्णय  के बाद अपने एक सम्बोधन में कहा था कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख में एक नए युग की शुरुआत हुई है | अब देश के सभी नागरिकों के हक भी समान है, दायित्व भी सामान है |

उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा था | आर्टिकल 370 और 35A ने जम्मू कश्मीर को अलगाववाद, आतंकवाद, परिवारवाद और व्यवस्थाओं में बड़े पैमाने पर फैले भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं दिया था | इन दोनों आर्टिकल्स का देश के खिलाफ कुछ लोगों की भावनाएं भड़काने के लिए पाकिस्तान द्वारा एक शस्त्र के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा था |

इसकी वजह से पिछले तीन दशक में लगभग 42000 निर्दोष लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी | जम्मू कश्मीर और लद्दाख का विकास उस गति से नहीं हो पाया | जिसका वह हकदार था | फिलहाल जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हट चुका है | आर्टिकल 370 हटाने के बाद इन राज्यों में क्या बदलाव हुए हैं | इसे हम कुछ बिन्दुवों के जरिए आसानी से समझ सकते हैं |

दोस्तों आर्टिकल 370 के हटने के बाद जम्मू कश्मीर के अलावा दूसरे राज्य के लोग भी यहां अपनी प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं | केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने 29 मार्च 2022 को लोकसभा में सूचना दी थी कि आर्टिकल 370 के हटने के बाद जम्मू कश्मीर में बाहर से कुल 34 लोगों ने जम्मू कश्मीर में प्रॉपर्टी खरीदी है |

जम्मू कश्मीर का पहले अपना अलग झण्डा भी था | और सरकार कार्यालयों में भारत के झंडे  के साथ-साथ जम्मू कश्मीर का झण्डा भी लगा रहता था | अब जम्मू कश्मीर में अलग झण्डा  नहीं है | अब वहां भी सिर्फ राष्ट्रीय तिरंगा ही फहराया जाता है |

आर्टिकल 370 के कारण देश के संसद को जम्मू कश्मीर के लिए रक्षा , विदेश मामले और संचार-व्यवस्था के अलावा अन्य किसी दूसरे मामलों में कानून बनाने का अधिकार नहीं था | साथ ही जम्मू कश्मीर को अपना अलग संविधान बनाने की अनुमति दी गई थी,  लेकिन अब यह भी पूरी तरह से बदल गया है |

अब यहां राज्यपाल के पद को खत्म कर दिया गया |  इसके साथ ही राज्य की पुलिस केंद्र के ही नियंत्रण क्षेत्र में आती है |  जम्मू कश्मीर राज्य पर भारतीय संविधान का आर्टिकल 356 लागू नहीं होता था |  इस कारण राष्ट्रपति के पास राज्य सरकार को भंग करने का अधिकार  नहीं था |  अर्थात वहां राष्ट्रपति शासन नहीं बल्कि राज्यपाल शासन लगता था | लेकिन क्योंकि जम्मू कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश है,  तो अब यहाँ के इन कानूनों में भी बदलाव हो गया है |

जम्मू कश्मीर में अब दोहरी नागरिकता नहीं होगा |  आर्टिकल 370 के कारण जम्मू कश्मीर में मतदान का अधिकार सिर्फ वहां के स्थायी नागरिकों को ही था |  दूसरे राज्य के लोग यहां मतदान नहीं दे सकते थे,  और न चुनाव लड़ सकते थे |

अब नरेंद्र मोदी सरकार  के इस ऐतिहासिक फैसले  के बाद भारत का कोई भी नागरिक वहां का मतदाता और चुनाव का प्रत्यासी बन सकता हैं | जम्मू कश्मीर में अभी तक विधानसभा की 87 सीटें थी | लेकिन अब राज्य का विभाजन कर दिया गया है | अब जम्मू और कश्मीर ऐसे दो केंद्र शासित प्रदेश बन चुका है |

साथ ही आर्टिकल 370 हटाने के बाद से कश्मीर विधान मंडल वाला केंद्र शासित प्रदेश बन चुका है | अब विधायिका का कार्यकाल 6 साल की जगह 5 साल होगा | जम्मू कश्मीर का हिस्सा रहे लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश  बनाया गया है | यहाँ भी  जम्मू कश्मीर की तरह विधानसभा नहीं है | यहाँ का प्रशासन चंडीगढ़ से काम करता है |

आर्टिकल 370 के हटने के बाद जम्मू कश्मीर को मिले विशेष अधिकार अब पूरी तरह से खत्म हो चुके हैं | केंद्र सरकार  के इस निर्णय  के बाद जम्मू कश्मीर में भारतीय संविधान पूरी तरह से लागू हो चुका है | इस निर्णय  के बाद जम्मू कश्मीर का अपना अलग से कोई संविधान नहीं है |

17 नवंबर 1956 को कश्मीर में खुद का अलग से संविधान लागू किया गया था | अब कश्मीर में आर्टिकल 356 का भी इस्तेमाल हो सकता है | यानी राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है जम्मू कश्मीर में आर.  टी. आई.  और सी ए जी जैसे कानून भी अब लागू  हो चुके हैं |

इसके साथ ही अब जम्मू कश्मीर में देश का कोई भी नागरिक अब नौकरी पा सकता है | भारतीय संविधान के आर्टिकल 360,  जिसके अंतर्गत देश में वित्तीय आपात काल  लगाने का प्रावधान  है |  वह आर्टिकल 370 के कारण जम्मू कश्मीर पर लागू नहीं होती थी | लेकिन अब ऐसा नहीं है |  अब जम्मू कश्मीर भी इसके दायरे में आता है |

इससे पहले हर साल 5 दिसंबर को शेख अब्दुल्ला का जन्मदिन, सार्वजनिक अवकाश की तरह मनाया जाता था |  2019 के बाद इसे बंद कर दिया गया है |  इसी तरह शेख अब्दुल्ला के नाम वाले कई सरकारी इमारतों के नाम भी बदल दिए गए है |

370 के खत्म होने के बाद अब अगर जम्मू कश्मीर की महिला किसी अस्थायी निवासी से शादी कर लेती है,  तो भी उनको इनके पैतृक  संपत्ति में हिस्सा मिलेगा | पहले अस्थायी निवासी से शादी करने पर महिलाओं को तो पैतृक संपत्ति में अधिकार दिया जाता था | लेकिन उनके बच्चों को संपत्ति में कोई हिस्सा नहीं मिलता था | आर्टिकल 370 को खत्म करने के फैसले के बाद, अब ये सारे प्रतिबंध खत्म कर दिए गए हैं |

दोस्तों हमारे अगले लेख में हम बात करेंगे कि आर्टिकल 370 के हटने के बाद जम्मू कश्मीर में क्या-क्या बदलाव आए ? पिछले पोस्ट पर जाने के लिए क्लिक करे :- अनुच्छेद 370 और 35- ए हटाना 

 


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1 thought on “Change After The Abrogation of Article 370 | अनुच्छेद 370 हटने के बाद बदलाव |”

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