भारत के नागरिक सम्मान पुरस्कार विश्व के सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों में से एक माने जाते हैं। यह पुरस्कार उन व्यक्तियों को दिया जाता है, जिन्होंने कला, विज्ञान, खेल, समाज सेवा और अन्य क्षेत्रों में अद्वितीय योगदान दिया है। इस ब्लॉग में हम भारत के प्रमुख नागरिक सम्मान—भारत रत्न और पद्म पुरस्कारों—की चयन प्रक्रिया, वितरण का समय, और उनके महत्व पर चर्चा करेंगे।
भारत के नागरिक सम्मान किसे और क्यों दिए जाते हैं?
भारत के नागरिक सम्मान उन लोगों को दिए जाते हैं, जो अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करते हैं। इन पुरस्कारों का उद्देश्य उन व्यक्तियों को सम्मानित करना है, जिन्होंने देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। भारत के नागरिकों को ये सम्मान गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर घोषित किए जाते हैं। हालांकि, विशिष्ट परिस्थितियों में, यह सम्मान गैर-भारतीय नागरिकों को भी दिया जा सकता है।
भारत रत्न: सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार
भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है, जो किसी भी क्षेत्र में असाधारण योगदान के लिए दिया जाता है। इसकी सिफारिश प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रपति को की जाती है। यह पुरस्कार 1954 में शुरू किया गया था और अब तक केवल 45 लोगों को इस सम्मान से नवाजा गया है।
भारत रत्न के प्राप्तकर्ताओं में प्रमुख नाम जैसे सर्वपल्ली राधाकृष्णन, मदर टेरेसा, अब्दुल कलाम, और नेल्सन मंडेला शामिल हैं। इस पुरस्कार के लिए औपचारिक अनुशंसा की आवश्यकता नहीं होती है और इसे मरणोपरांत भी प्रदान किया जा सकता है।
पद्म पुरस्कार: तीन श्रेणियाँ
भारत रत्न के बाद पद्म पुरस्कारों का दूसरा स्थान है। ये तीन श्रेणियों में दिए जाते हैं:
- पद्म विभूषण: असाधारण और विशेष सेवा के लिए दिया जाने वाला दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान।
- पद्म भूषण: उच्च कोटि की सेवा के लिए तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार।
- पद्म श्री: विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान के लिए चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान।
पद्म विभूषण:
पद्म विभूषण 1954 में स्थापित किया गया था और इसे असाधारण और विशिष्ट सेवा के लिए प्रदान किया जाता है। यह सम्मान आमतौर पर कला, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा, और खेलों में दिया जाता है।
पद्म भूषण:
यह पुरस्कार उच्च कोटि की सेवाओं के लिए दिया जाता है, जिसमें शिक्षा, साहित्य, विज्ञान, खेल और सामाजिक सेवा के क्षेत्र शामिल हैं। पद्म भूषण भी 1954 में स्थापित किया गया था।
पद्म श्री:
यह पुरस्कार उद्योग, साहित्य, विज्ञान, खेल, और चिकित्सा क्षेत्र में विशिष्ट योगदान देने वाले व्यक्तियों को दिया जाता है। यह चौथे स्तर का नागरिक सम्मान है।
पद्म पुरस्कार की चयन प्रक्रिया
पद्म पुरस्कारों की चयन प्रक्रिया पारदर्शी और लोकतांत्रिक होती है। हर साल प्रधानमंत्री एक समिति का गठन करते हैं, जो इन पुरस्कारों के लिए सिफारिशें करती है। यह प्रक्रिया देश के सभी नागरिकों के लिए खुली होती है, और कोई भी व्यक्ति स्वयं-नामांकन कर सकता है।
इतिहास और विशेष तथ्य
भारत के स्वतंत्रता के बाद, 1954 में भारत रत्न और पद्म पुरस्कारों की स्थापना हुई थी। पद्म पुरस्कारों को 1955 में तीन श्रेणियों में विभाजित किया गया—पद्म विभूषण, पद्म भूषण, और पद्म श्री।
पद्म पुरस्कार के इतिहास में कुछ वर्ष ऐसे भी रहे जब ये पुरस्कार प्रदान नहीं किए गए, जैसे 1978, 1979, 1993, और 1997 में।
कौन पात्र नहीं है?
गृह मंत्रालय के अनुसार, कोई भी सरकारी कर्मचारी जब तक वह सेवा में है, पद्म पुरस्कार के लिए पात्र नहीं होता। इसके अलावा, आमतौर पर मरणोपरांत यह पुरस्कार नहीं दिया जाता, हालांकि विशेष मामलों में मरणोपरांत यह सम्मान दिया जा सकता है।
पुरस्कारों की संख्या
भारत सरकार द्वारा एक साल में 120 से अधिक पद्म पुरस्कार नहीं दिए जा सकते। इस संख्या में मरणोपरांत और गैर-भारतीयों को दिया जाने वाला सम्मान शामिल नहीं होता है।
सबसे युवा और वृद्ध प्राप्तकर्ता
पीवी सिंधु, जिन्होंने मात्र 19 वर्ष की आयु में पद्म श्री जीता था, सबसे कम उम्र में यह सम्मान पाने वाली पहली महिला हैं। वहीं, शतरंज के खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद और क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर सबसे कम उम्र में पद्म पुरस्कार पाने वाले पुरुषों में शामिल हैं।
सालुमारदा तिम्मक्का, 111 वर्ष की आयु में, सबसे वृद्ध महिला हैं जिन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया। वहीं, स्वामी शिवानंद, 125 वर्ष की आयु में, सबसे वृद्ध पुरुष हैं जिन्हें 2022 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया।
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निष्कर्ष
भारत के नागरिक सम्मान पुरस्कार न केवल देश के प्रति व्यक्ति के योगदान को मान्यता देते हैं, बल्कि ये समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत भी होते हैं। पद्म पुरस्कारों की चयन प्रक्रिया, उनकी संख्या, और विशेष परिस्थितियों में इन्हें प्रदान करने के नियम इस बात को सुनिश्चित करते हैं कि इन पुरस्कारों का महत्व और गरिमा हमेशा बनी रहे।
इस प्रकार, नागरिक सम्मान पुरस्कार देश के उन लोगों को पहचान और प्रोत्साहन देते हैं, जिन्होंने अपने क्षेत्रों में देश का नाम ऊंचा किया है।
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