Microsoft Windows क्रैश और पूरी दुनिया में कई तरह की सेवाएँ ठप्प
microsoft windows के एक अपडेट की वजह से दुनिया हैक हो गई
तकनीकी क्षेत्र मे माइक्रोसॉफ्ट दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है | इसके क्लाउड सेवा में तकनीकी समस्या की वजह से 19 जुलाई 2024 के दिन पूरी दुनिया एक दम थम सी गई | दुनिया भर के 95% कंप्युटर जो माइक्रोसॉफ्ट के ऑपरेटिंग सिस्टम पर कार्य करते थे, एकदम से काम करना बंद कर दिए जिससे पूरी दुनिया में अफर तफरी का माहौल बन गया |
भारत सहित अनेकों देशों की कई तरह की सेवाये बाधित पद गई | विश्व के करीब 2000 से ज्यादा फ्लाइट रद्द कर दी गई | एयरपोर्ट पर मैनुअली तरीके से कार्य करना पड़ा | ट्रेन और मेट्रो सेवाये भी इससे प्रभावित हुई | जिसकी यजह से यह अब तक का दुनिया में सबसे बड़ा आईटी संकट बन गया , जो एक रिकार्ड है |
यह परेशानी भारतीय समयानुसार सुबह के तकरीबन 11 बजे शुरू हुई | माइक्रोसॉफ्ट के सॉफ्टवेयर पर साइबर सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालने वाली कंपनी क्राउड़स्ट्राइक ने एक उपाड़ते जारी किया था | इसके कारण विंडोज़ कंप्युटर रिस्टार्ट होने लगे | जिसे देर शाम तक माइक्रोसॉफ्ट नें सुधार कर लिया |
कोरोना के बाद ऐसा पहली बार हुआ
पूरे विश्व में आज से करीब चार साल पहले जो स्थिति कोरोना काल के समय बनी थी , ठीक वैसी ही स्थिती बन गई थी | अमेरिका की 3 बड़ी एयरलाइन्स कंपनी की सभी हवाई सेवाएं पूरी तरह से स्थगित कर दी गई | एयरपोर्ट पर यात्री चेक इन पर अटके रहे | कुछ यात्री तो एयरपोर्ट पर ही सोते हुए दिखे | ब्रिटेन का हीथ्रो , गेटविक और एडिबर्ग एयरपोर्ट पूरी तरह से बंद करना पड़ा | जो कोविड के बाद ऐसा पहली बार हुआ |
विश्व के बड़े बड़े डॉक्टर्स और अस्पताल की सेवाएं भी इसकी वजह से प्रभावित हुई | न्यूयार्क से लंदन तक के अस्पताल में डॉक्टर की ओपॉइंटमेंट लोगों को नहीं मिल पाए | अस्पताल के सर्जरी रोकनी पड़ी | स्काइ न्यूज की सेवाएं बंद पड गई | लंदन स्टॉक एक्सचेंज के सभी कार्य बाधित हो उठे |
माइक्रोसॉफ्ट के अपडेट का भारत में प्रभाव
microsoft windows के इस अपडेट का भारत के आईटी विभाग में भी असर रहा | NCPI के अनुसार भारत में डिजिटल पेमेंट सीस्टम पर कुछ खास असर नहीं रहा | आरबीआई, एसबीआई, HDFC जैसे बड़े बैंकिंग सेवाओं पर कुछ खास प्रभाव नहीं रहा | बैंकिंग सेवाये पर मिला जुला असर रहा |
भारत में इस असुविधा से लगभग 200 फ्लाईटे रद्द करनी पड़ी जिसमे 192 सिर्फ इंडिगो की थी | मुंबई, दिल्ली चेन्नई बैंगलुरु समेत कई एयरपोर्ट पर लोगों की भीड़ जुटी रही | अपनी यात्रा के लिए लोग पार्शन दिखे | इंडिगो के बोर्डिंग पास हाथ से लिखकर यात्रियों को दिए गए | केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि कंपनी के संपर्क में है | साथ ही उन्होंने कहा कि NIC पर इसका कोई प्रभाव नहीं है | सभी अपडेट जारी कर दिए गए है | अन्य किसी भी प्रकार की सेवाओं पर इसका कोई खास प्रभाव नहीं है |
समस्या का कारण
माइक्रो सॉफ्ट दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है | आखिर इतनी बड़ी कंपनी से इतनी बड़ी चूक क्यों हुई ? इसकी वजह से क्या क्या तलीफ़े आई ? इसके लिए microsoft windows कंपनी ने क्या कदम उठाए ? आईए इसके बारे में जानते है |
1- विंडोज़ -10 के दुनिया भर के कंप्युटर उपयोग कर्ता के कंप्युटर बंद होने लगे या रिस्टार्ट होने लगे | आम तौर पर कंप्युटर में इसतरह की परेशानी तब होती है जब कोई सॉफ्टवेयर क्रैश हो जाता है |
2- ऐसी परेशानी तब आती है जब जब विंडोज़ पर आधारित कंप्युटर को साइबर अटैक , वायरस से बचाने के लिए क्राउड़स्ट्राइक सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल होता है |
3- माइक्रोसॉफ्ट कंपनी ने गुरुवार रात को एक अपडेट जारी किया | जिन – जिन कंप्युटर में ये अपडेट हो गया वे सभी क्रैश होते चले गए |
4- क्राउड़स्ट्राइक ने इस अपडेट को माइक्रोसॉफ्ट के वेबसाईट से इस अपडेट को हटा दिया है किन्तु अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि जिन कंप्युटर में यह अपडेट इन्स्टॉल हो गया है उन्हे कैसे रिस्टोर किया जाएगा |
5- इस अपडेट को रीमोट एक्सेस द्वारा सुधार पाना एक बड़ी चुनौती है | इसे मेन्युअली सुधारने में समय लगेगा | तब तक इस परेशानी को झेलना ही पड़ेगा |
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निष्कर्ष
माइक्रो सॉफ्ट कंपनी एक बड़ी कंपनी है | इतनी बड़ी कंपनी की यह एक लापरवाही ही है , क्योंकि इसके लिए उनके पास प्लान बी नहीं था , और बिना प्लान बी के इस कंपनी को इतना बड़ा रिस्क नहीं लेना चाहिए | साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ रितेश भाटिया के अनुसार माइक्रो सॉफ्ट यह इंतजार करती रही कि सायबर सिक्युरिटी फर्म इसको दूर कर देगी जो इतनी बड़ी कंपनी के लिए बहुत खतरनाक है | आर्थिक युग में ऐसे अहम घटकों की माइक्रो सॉफ्ट के ऑपरेटिंग पद्धति पर बहुत अधिक निर्भरता है | ऐसा भी नहीं था कि इस समस्या के लिए कोई विकल्प नहीं था दुनिया में कई ऐसी कंपनिया है जो लाइनेक्स और मेक का उपयोग करती है |
लेकिन एयरलाइन्स और दूसरे दूसरे उद्योग ये मानकर अपनी प्रणाली को लेकर चल रहे थे कि माइक्रो सॉफ्ट में इस तरह की कोई दिक्कत नहीं आएगी | अब समय आ गया है कि भारत को वैकल्पिक ऑपरेटिंग सिस्टम को विकसित किया जाए , किसी एक कम्पनी के सिस्टम पर निर्भरता से निजात पाया जाए | सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट और यूपीआई जैसे वित्तीय टेक्नॉलजी सीस्टम खड़ा करना , हमारी क्षमताएं बताता है |
इसलिए भारत को अब इस तरह की लापरवाह विदेशी कम्पनीयों पर निर्भरता को कम करना चाहिए और अपना स्वदेशी सीस्टम बनाना चाहिए | दुनिया के 95% कंप्युटर माइक्रोसॉफ्ट के ऑपरेटिंग सिस्टम पर कार्य करते है | जिसकी इस तरह की मोनोपॉलिसी पूरे विश्व के लिए खतरनाक है | अब समय आ गया है कि इसका विकल्प निकाला जाए और इस तरह के आपातकाल की स्थिति से बचा जाए |
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