दोस्तो इस नवें भाग में हम भारत के URI में हुए अटैक के बारे में बात करेंगे कि किस तरीके से इस हमले के प्लान बना ? हृदय विदारक घृणित घटना को अंजाम दिया गया ? तो चलिए शुरू करते हैं |
भारत के जवानों पर कायराना URI हमला
पाकिस्तान के आतंकवादी कैंप
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पी ओ के में बहुत सारे आतंकवादी कैंप है, जो लगातार वहां से भारत की सीमा में घुसने की कोशिश करते रहते हैं | जिन्हें ज्यादातर समय हमारे जवान रोक देते हैं |लेकिन कभी-कभी ये रात के अंधेरे में छुपकर LOC पार कर हमारी भारतीय सीमा के अंदर घुस जाते हैं | इन आतंकवादियों को LOC पार करने में पाकिस्तानी सेना मदद करती है |
पाकिस्तानी सेना इन आतंकवादियों को ट्रेनिंग देती है, हथियार देती है, और इन्हें हमारे भारतीय सीमा में घुसने में मदद भी करती है | पाकिस्तानी सेना बॉर्डर पर भारतीय सेना की तरफ लगातार गोलीबारी करती है | जिससे कि हमारे जवानों का ध्यान उनकी तरफ चला जाए और इसी मौके का फायदा उठाकर, छुपकर, चुपके से रात के अंधेरे में आतंकवादी भारत में प्रवेश कर जाते हैं |
पाकिस्तान भारत से कितना जलता और दुश्मनी रखता है | यह बात पूरी दुनिया को पता है | उसके कायर पन और जलन का सबसे बड़ा उदाहरण आतंकवादी हमला है | पाकिस्तान द्वारा हमारे देश में लगातार आतंकवादी हमला कराया जा रहा था | जिस साल URI पर हमला हुआ उसके लगभग 1 साल पहले से हमारी सेना के ऊपर तीन लगातार बड़े आतंकवादी हमले हुए | जैसे कि दीना नगर का हमला, पंपोर का हमला और पठान कोट का हमला | अगर आप कहानी को ध्यान से पढ़ रहे होंगे, तो आपको पता चल रहा होगा कि तीनों हमलों का पैटर्न, तरीका सब कुछ एक जैसा था|
पाकिस्तानी आतंकवादी भारतीय सेना में कैसे घुसते थे ?
पाकिस्तान से आए हुए आतंकी रात के अंधेरे में छुपकर हमारे देश में घुसते हैं | एकदम सुबह-सुबह जब हमारे जवान सो रहे हों या कहीं जा रहे हो, तो हमला कर देते हैं | वे हर बार हमारे देश की सेना की वर्दी में रहते हैं | ताकि भारतीय सेना उन्हें पहचान ना सके | वे हर बार भारत और पाकिस्तान के बॉर्डर से सटे हमारे आर्मी कैंप पर ही हमला करते हैं | जिसके दो-तीन कारण हो सकते हैं | जैसे अब इससे आगे बढ़ते, तो पकड़े जा सकते थे | या फिर यहां सारे कैंप भारत और पाकिस्तान के सीमा के बिल्कुल पास है |
जब कभी भी युद्ध की स्थिति बनेगी, तो हमारे जवान तुरंत युद्ध के लिए तैनात हो जाएंगे | जो कि पाकिस्तान के लिए अच्छी खबर नहीं होगी | क्योंकि पाकिस्तान हमारी इतनी बड़ी आर्मी से डायरेक्ट लड़ नहीं सकता था | इसलिए उसने आतंकियों का सहारा लिया ताकि वह कायरों की तरह हमारी आर्मी पर हमला कर सके | हमें बैठकर यह सोचना होगा कि हमसे बार – बार कहां चूक हो रही है ?
एक ही जगह से कई बार घुसपैठ किया गया | एक ही तरह से सारे आतंकी हमलो को अंजाम दिया गया | फिर भी हम इन्हें रोक नहीं पाए | यह बहुत गंभीर मामला था | खैर कहानी पर आते हैं | पाकिस्तान के आतंकी कैंप से इन आतंकवादियों को ट्रेनिंग देकर लॉन्च पैड लाया गया | भारी गोलाबारी की आड़ में उन्हें एल ओ सी पार कराया गया |
आतंकवादियों का कायरना कृत्य
LOC पार करके चारों आतंकवादी 18 सितंबर 2016 को सुबह 5:22 पर कश्मीर के उरी में स्थित भारतीय सेना के बेस कैंप में दीवार कूद कर घुस जाते हैं | उसे वक्त सेना के कुछ जवान सोए हुए थे | कुछ जवान अपनी ड्यूटी बदल रहे थे | चारों आतंकवादी भारतीय सेना के वर्दी में थे | इसलिए कोई इनके ऊपर शक भी नहीं कर पाया | कैंप में घुसते ही आतंकियों ने वहां पड़े पेट्रोल के बैरल को पलट दिया | जिससे कि चारों तरफ पेट्रोल फैल गया | उसके बाद आतंकियों ने 3 मिनट के अंदर 17 ग्रेनेड फेंके | ग्रेनेड के धमाके और जमीन पर फैले पेट्रोल से वहां के कैंप में भीषण आग लग गई | उस आग में बहुत सारे सैनिक झुलस गए | जिसमें से कुछ जवानों की मौत हो गई |
सुबह के समय जवान सो रहे थे | उन्हें सँभलने का मौका भी नहीं मिला | आतंकियों ने अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी | ग्रेनेड और फायरिंग की आवाज सुनकर सारे जवान, जो जवान सो रहे थे | वे जाग गए और अपना-अपना मोर्चा संभाल लिया | लेकिन समस्या यह थी कि तब तक आतंकी छुप गए थे, और छुप कर गोलियां चला रहे थे |आतंकी कितने हैं ? कहां-कहां पर है ? इसका पता हमारे जवानों को नहीं चल पा रहा था | इस वजह से कुछ जवान आतंकियों की गोलियों से शहीद हो गए | आतंकी कभी ग्रेनेड से, तो कभी गोलियों से हमारे जवानों पर हमला कर रहे थे |
भारत के सपूत का जवाब
लेकिन तभी एक 19 साल के हमारे वीर जवान ने उन आतंकियों को घेर लिया और उनमें से एक को मौत के घाट उतार दिया | हमारी सेना ने आतंकियों की गोलाबारी का भीषण जवाब दिया | हमारी सेना द्वारा धीरे-धीरे सारे आतंकियों को ढूंढ – ढूंढ कर एक-एक करके मार गया | उनको मारने के बाद भी सेना ने सर्च ऑपरेशन जारी रखा | ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इस कैंप में अब कोई दूसरा आतंकवादी नहीं है |
इधर जो जवान घायल हुए थे उन्हें अस्पताल ले जाया गया | इस आतंकी हमले में हमारे 17 जवान शहीद हो गए थे | दो जवान गंभीर रूप से घायल थे, लेकिन बाद में अस्पताल में उन दोनों जवानों की मौत हो गई थी |यह अब तक का भारतीय सेना पर सबसे बड़ा आतंकवादी हमला था | इस हमले के बाद सेना ने उन आतंकियों की तलाशी ली | इस तलाशी में उन आतंकियों के पास से कुछ चीन की बनी हुई ग्रेनेट्स, ए के -47 राइफल, जो पाकिस्तान की बनी हुई थी, कुछ दवाइयां और खाने-पीने की चीज मिली |
तलाशी से यह भी पता चला कि आतंकवादी जैस ए मोहम्मद से जुड़े हुए थे | वही जैस ए मोहम्मद जिसका सरगना मसूद अजहर है | इतने बड़े आतंकवादी हमले के बाद हमारे देश में गुस्से की लहर दौड़ पड़ी | पाकिस्तान के विरोध में चारों तरफ नारे लगाए जाने लगे | चारों तरफ रैलियां निकाली गई | सरकार ने भी पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए कमर कस ली और फिर हुआ सर्जिकल स्ट्राइक |
दोस्तों फिलहाल इस भाग में बस इतना ही, मिलते हैं अगले भाग में जहां बताएंगे कि किस तरीके से हमारे जवानों ने सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया? भारतीय सेना पाकिस्तान के घर में घुसकर उन आतंकवादियों को उसी तरीके से मारा जिस तरीके से उन कायरों ने हमारे जवानों को मारा था | तो फिर मिलते हैं अगले भाग में ………………
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